टिनिटस से राहत

कभी-कभी अचानक ही आपका ध्यान एक धीमे स्तर के शोर पर जाता है। जो की लगातार आपको सुनाई देता रहता है। पर इस शोर की खास बात यह है की यह आपके अतिरिक्त किसी और को सुनाई नहीं देता है। यह शोर और कुछ नहीं टिनिटस कहलाता है। हालाँकि टिनिटस से राहत पाना आसान है, पर उससे पहले आपको टिनिटस को समझना होगा।

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तो चलिए अब बात करते है की कान बजने की समस्या आखिर क्या होती है? और टिनिटस से राहत पाने के लिए किन किन जरुरी तथ्यों का ध्यान रखना चाहिए? जानिए

कान बजने की समस्या क्या है?

जब किसी भी प्रकार की बाहरी ध्वनि की अनुपस्थिति में, आपके आंतरिक कान में जो अनायास ही उत्पन्न ध्वनि सुनाई देती है। वह “टिनिटस” या कान का बजना कहलाती है। यह ध्वनि आभासीय होती है तथा अक्सर निम्न ध्वनियों की तरह महसूस होती है –

  • रिंगिंग (कान में घंटियां बजना)
  • क्लिकिंग (टिक-टिक का स्वर)
  • हिस्सिंग (हिस्स की ध्वनि)
  • रोअरिंग (गर्जना का स्वर)

जैसी ही अन्य ध्वनियाँ होती है। यह सभी टिनिटस के लक्षण कहलाते है। कुछ मामलों में ऐसा देखा गया है की रोगी लगातार यह धवनियाँ सुनता है। यह आमतौर पर तीव्र व अस्थायी स्थिति में उत्पन्न, और पुरानी लम्बे समय से चल रही दोनों प्रकार की हो सकती है।

टिनिटस के कारण

टिनिटस के कुछ कारण जैसे की मेनियर की बीमारी, “टीएमजे विकार” (संयुक्त जबड़े और आसपास की मांसपेशियों का दर्द), सिर में चोट, “पेरिलीम्फ फिस्टुला” (आंतरिक कान में एक असामान्य छेद), धूम्रपान, ह्रदय तथा रक्तवाहिकाओं सम्बन्धी समस्याएं, और तनाव भी इसका कारण हो सकते है। हालाँकि यह सभी कारण दुर्लभ है। कुछ सामान्य कारणों में –

टिनिटस या कान का बजना

1. आयु-संबंधित सुनने की समस्या – यह उम्र बढ़ने के कारण बहरापन की समस्या होती है और यह समस्या टिनिटस का कारण बन सकती है। चिकित्सीय रूप से इसे “प्रेस्बीकोसिस” (जरा-वधिरता) कहा जाता है।

2. कान के मैल से उत्पन्न अवरोध के कारण – बहुत अधिक मात्रा में कान के मैल (मोम) के संचय के परिणामस्वरूप कान के परदे में जलन और प्रवाहकीय सुनने में हानि होती है। और इससे टिनिटस भी हो सकता है।

3. जोरदार शोर के संपर्क में आना – थोड़े समय के लिए भी अगर आप किसी जोरदार शोर अथवा ध्वनि प्रदुषण की चपेट में आ जायें। या फिर हेडफोन पर तेज़ संगीत सुने तो इसके कारण भी सुनने में समस्या और टिनिटस हो जाता है।

4. कान की हड्डी में परिवर्तन – मध्य कान में किस शल्य चिकित्सा के फलस्वरूप हड्डी स्थानांतरण होना। या कान में हड्डी बढ़ना (ओटोस्क्लेरोसिस) जो की कई मामलों में संवेदी सुनने की समस्या और टिनिटस में बदल जाता है।

5. दवा के कारण – “एस्पिरिन”, “इबुप्रोफेन” और कुछ “एंटीबायोटिक” दवाएं “ओटोटॉक्सिक” (शरीर व कान पर बुरा प्रभाव डालने वाली) हो सकती हैं। इससे कान या उसके तंत्रिका की आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ये कई मामलों में कान की नस को नुकसान पहुंचा सकता है और टिनिटस का कारण बनता है।

टिनिटस से राहत कैसे प्राप्त करें?

“द इम्पैक्ट ऑफ़ टिनिटस ऑन सफरर्स इन इंडिया पापुलेशन” (भारतीय मूल के पीड़ित व्यक्तियों में टिनिटस का प्रभाव) के अनुसार टिनिटस ने भारत की कुल आबादी में लगभग 7 प्रतिशत लोगो प्रभावित किया है।”

इस लेख के अनुसार, टिनिटस रोगियों द्वारा दी गयी प्रतिक्रिया की प्रकृति एक सवालिया स्थिति बन गई है जिसके अनुसार –

  • 60 प्रतिशत लोगों को टिनिटस के कारण होने वाली समस्या के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है।
  • 70 प्रतिशत व्यक्तियों में उनके टिनिटस की समस्या के तीव्रता में कोई उतार चढ़ाव नहीं है।
  • 68 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उनके टिनिटस की प्रबलता में उतार चढ़ाव है।

टिनिटस से राहत के लिए जांच

टिनिटस से राहत प्रदान करने के लिए पहले डॉक्टर यह सुनिश्चित करते है की आपको टिनिटस है भी या नहीं? और दुर्भाग्यवश यदि है तो फिर उसकी गंभीरता क्या है?

टिनिटस से राहत

इसके लिए डॉक्टर द्वारा निम्नलिखित जांच परिक्षण किये जा सकते है –

  • “स्पीच रेकॉग्नीशन” (बोले जाने वाले वाक्यों को पहचानने का) परीक्षण
  • “प्योर टोन ऑडियोग्राम” (शुद्ध स्वरों को पहचानने का परिक्षण)
  • “टैंपॉनोग्राम” (कान में संक्रमण जांचने का परिक्षण)
  • “एकॉस्टिक रिफ्लेक्स” (ध्वनि के परावर्तन द्वारा किया जाने वालापरीक्षण
  • “ऑटोकॉस्टिक एमिशन” (आंतरिक कान द्वारा उत्सर्जित ध्वनि का) परीक्षण

सम्पूर्ण निदान व टिनिटस से राहत

यह जानने के लिए कि कौन सी चिकित्सीय समस्या आपके लिए टिनिटस का कारण बन रही है, डॉक्टर आपका शारीरिक परीक्षण करता है। अगर समस्या का स्रोत अस्पष्ट है, तो एक “ओटोलरैंगोलोजिस्ट” (कान व गाला रोग विशेषज्ञ) के पास जाएं। आपके टिनिटस लक्षणों व कारणों के आधार पर आपका एक श्रवण-परीक्षण (ऑडियोग्राम) किया जाएगा। और “एमआरआई” या “सीटी स्कैन” जैसी “इमेजिंग” तकनीक (चुंबकीय तरंगों से जांच करने की तकनीक) की सलाह भी दी जा सकती है। जिससे की इस समस्या को अधिक गहराई से समझने का अवसर मिले।

टिनिटस से राहत के लिए उपाय

टिनिटस के लक्षणों की जांच परिक्षण होने के उपरान्त यदि आपके कान के डॉक्टर टिनिटस की समस्या की पुष्टिअ करते है। तो फिर टिनिटस का उपचार शुरू करके आपको टिनिटस से राहत प्रदान की जा सकती है। अथवा आप कान बजने की समस्या से राहत पाने के लिए आप इन उपचारो को भी आजमा सकते है –

  • यदि टिनिटस का कारण अत्यधिक मात्रा में बनने वाला कान का मैल होता है। तो “सक्शन डिवाइस” (कान साफ करने की मशीन) से कान का गंधक (मोम) बाहर निकाला जा सकता है।
  • जीवाणु हमले द्वारा आपके कान में संक्रमण होने के मामले में आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित की गयी कान की दवाओं का उपयोग करें।
  • “टीएमजे सिंड्रोम” (टेम्पोरोमैंडिबुलर संयुक्त रोग) द्वारा टिनिटस होने या “जबड़े की हड्ड़ी खिसकने” के मामले में दंत विशेषज्ञ से मिलें।
  • कान बजने की समस्या के कारण होने वाले तनाव को कम करने के लिए, डॉक्टरों द्वारा निर्धारित तनाव कम करने की दवाओं जैसे – “वैलियम” या “एलाविल” की निर्धारित खुराक लें।
  • यदि टिनिटस के उपचार के बाद भी आपको शोर महसूस हो रहा है। तो आप अन्य विकल्पों जैसे –
  • “टिनिटस-रिट्रेनिंग थेरेपी” (टीआरटी) (विभिन्न ध्वनियों द्वारा टिनिटस चिकित्सा)
  • “कॉग्निटिव-थेरेपी” (चीजों को याद रखने सम्बन्धी चिकित्सा पद्धति)
  • “टिनिटस मास्कर्स” (प्राकृतिक ध्वनियों द्वारा टिनिटस चिकित्सा उपकरण)
  • डॉक्टर की सलाह के अनुसार कान की मशीन का उपयोग करें
  • कोच्लेअर इम्प्लांट्स” या आंतरिक कान की तंत्रिका का प्रत्यारोपण ज्यादातर बहरेपन के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं। लेकिन सुनने की समस्या के समानरूप होने कारण ये “टिनिटस” में भी मदद करता है।

टिनिटस की रोकथाम व निवारण

आप टिनिटस के शुरुआती लक्षणों को काम करने के लिए कुछ घरेलु उपचार कर सकते है। या फिर आप टिनिटस से लड़ने के लिए आयुर्वेद की सहायता ले सकते है। टिनिटस के आयुर्वेदिक उपचार इसमें आपकी सहायता करेंगे।

टिनिटस से राहत
टिनिटस से राहत

साथ ही आप निम्नलिखित तथ्यों द्वारा भी टिनिटस के प्रभाव को काम कर सकते है, और उसकी रोकथाम कर सकते है –

  • अधिक शोर के वातावरण में अपने कान में ईयरप्लग लगाएं।
  • आप ऐसे किसी भी अधिक शोर के स्रोत से तुरंत दूर चले जाएँ।
  • हमेशा सीमित मात्रा में व्यक्तिगत उपकरणों का उपयोग करें।
  • टिनिटस को कम करने के लिए नियमित रूप से योग करें।
  • स्वस्थ नींद की आदतें अपनाएँ, यह दिमाग को दुरुस्त रखती है।
  • तम्बाकू सेवन, अत्यधिक शराब पीने और धूम्रपान करने से बचें। 
  • अपने तनाव को कम करने के लिए भी आप योग कर सकते हैं।
  • आप एक नियमित अंतराल पर अपने कानो को साफ़ जरूर करें
  • टिनिटस से राहत के लिए भोजन में पोषक तत्वों को शामिल करें।
  • अनावस्यक रूप से अत्यधिक मात्रा में चाय व कॉफी के सेवन से बचें।

निष्कर्ष व परिणाम

टिनिटस की समस्या परेशान कर देने वाली होती है। लगातार कान में बजती अनगिनत ध्वनियाँ आपको चिड़चिड़ा बना सकती है। क्योंकि इस समस्या का इलाज तुरंत न होकर धीरे धीरे होता है। इसलिए आपको अपने दिमाग पर नियंत्रण रखना बहुत जरुरी है। अपना ध्यान उन ध्वनियों से हटाकर किसी और काम में लगाने की कोशिश करें इससे आपको बहुत लाभ मिलेगा। समस्या के बढ़ने से पहले ही डॉक्टर से उचित जाँच और इलाज करवाएं। जिससे आप बेहतर सुने व स्वस्थ रहें।

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