सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस

हमारे आंतरिक कान में होने वाली कई समस्याएं सुनने की शक्ति में कमी का कारण बन सकती है। इनमे से एक है सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस या संवेदी श्रवण हानि जिससे हमारे आंतरिक कान की संवेदी बाल कोशिकाएं ध्वनि को ठीक प्रकार से दिमाग तक नहीं भेज पाती है। और आप सुनने की क्षमता में कमी महसूस करने लगते है।

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तो आइये अब बात करते है की संवेदी श्रवण हानि या सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस क्या है? यह किस प्रकार से आपके कान को तकलीफ पंहुचा सकता है? और इसके इलाज के तरीके के बारे में भी जानिए।

संवेदी बहरापन क्या है?

कान जितना बहार से दिखाई देता है उतना सिर्फ सम्पूर्ण कान की संरचना का एक छोटा हिस्सा होता है। वास्तविक कान तीन भाग में विभाजित होता है। और इसका एक बड़ा हिस्सा दिखाई नहीं पड़ता है। आपके आंतरिक कान में पायी जाने वाली कर्णवृत (कोक्लीअ) और इससे जुडी कान की नस जैसे वेस्टिबुलर नसे, श्रवण तंत्रिका जो की ध्वनि को दिमाग तक पहुंचाने का काम करती है।

कान की नली

जब कान में कोई समस्या हो जाती है, तो ध्वनि ठीक प्रकार से दिमाग तक प्रेषित नहीं हो पाती है। जिसे चिकित्सीय भाषा में सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस (Sensorineural hearing loss) या संवेदी श्रवण हानि कहते है। संवेदी नसों द्वारा धीमी आवाज को ग्रहण न कर पाना अथवा तेज स्तर की ध्वनि भी हल्की सुनाई देना आम बात है। यह स्थायी रूप से सुनने में कमी तंत्रिका बहरापन की समस्या भी बन सकती है।

सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस के लक्षण

जब आंतरिक कान में पायी जाने वाली लैबीरिंथ में विकार हो जाये या वेस्टिबुलर रोग जैसे आंतरिक कान के रोग से ग्रस्त होने पर ध्वनि को सुनना और समझना मुश्किल हो सकता है। जिसके कारण कुछ लक्षण भी महसूस होते है जो की –

सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस

सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस के कारण

कुछ ऐसे कारण है, जो संवेदी या तंत्रिका बहरापन की समस्या के होने के उत्तरदायी पाए गये है। यह आंतरिक कान की संवेदी कोशिकाओं को क्षति पहुंचाने के कारण उनकी कार्यप्रणाली को प्रभावित करते है। इसके अंतर्गत निम्न आते है –

सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस

सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस का इलाज

संवेदी स्नायविक श्रवण शक्ति की कमी या सेंसोरिनुरोल हियरिंग लॉस होने पर आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। एक प्रशिक्षित डॉक्टर पहले आपके कानों का परीक्षण करेगा जिसके लिए वह कुछ जाँच जैसे – ऑडियोमेट्री परिक्षण कर सकता है। साथ ही आपको वेबर परीक्षण (Weber test) और रिन परीक्षण (Rinne test) से भी गुजरना पड़ सकता है।

कान का परिक्षण

इनसे भी जाँच परीक्षणों के आधार पर डॉक्टर समस्या की गंभीरता का पता करता है। यदि आपको अस्थायी समस्या है तो वह दवाओं द्वारा उपचार कर सकता है। पर यदि गंभीर रूप से संवेदी श्रवण हानि हुई है तो फिर आपको एक कान की मशीन या कॉक्लियर इम्प्लांट की सलाह भी दे सकता है। इन दोनों ही प्रकारो से आपको सहायता मिलेगी और आप पहले से बेहतर रूप से सुनने में सक्षम हो जायेंगे।

निष्कर्ष व परिणाम

कानों की सुरक्षा बेहद अहम् मुद्दा है, आजकल होने वाली तरह-तरह की समस्याओं के चलते कब कौन सी बीमारी आपको रोग-ग्रस्त कर दे। इसलिए सभी प्रकार से अपने कानों की देखभाल को विशेष महत्त्व दें।  क्योंकि आपके कान ही आपके जीवन में नयी ध्वनियों और सूचनाओं का संचार करते है। किसी भी समस्या के होने पर घबराने और चिंतित होने के स्थान पर मजबूती से हर प्रकार की कान की बीमारी के लक्षण से लड़ें और बेहतर परिणामों को प्राप्त करें। बेहतर सुनें व स्वस्थ रहें।

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